कविता- हे दुर्गा 

By Chandan Sharma. 

Got published in Dainik Bhaskar. 


जब होगा शुक्ल अश्विन का 
तब यह धरा जग जाएगी 
तब देवियाँ शक्ति रूप धर 
धरती भ्रमण को आएगी।
जब हर शहर और हर पहर 
गूंजेगी दुर्गा की पुकार 
तब हर ह्रदय की हर मुरादे 
मां को होंगी सब स्वीकार।
दक्षिण में भद्रकाली 
पश्चिम में जगदंबा 
और चंद्रिका भैरवी भवानी 
रूप तेरे कितने माँ।
माथे पर तेरे आँख तीजी 
सिंह पर है माँ तू सवार 
अष्टभुजा हाथ त्रिजा 
महिषासुर का कर संहार।

By Chandan Sharma
© Dainik Bhaskar 
(Entire Bihar & Jharkhand)


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